नपुंसकता क्या है ? what is E.d. ?

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नपुंसकता ई.डी. (Erectyle dysfunction) क्या है ?

नपुंसकता (ई.डी.) एक पुरुषों में होने वाली सामान्य स्वाभाविक स्तंभन दुर्बलता की एक स्वास्थ्य समस्या है। इसे आमतौर पर ‘नपुंसकता’ भी कहा जाता है। यह समस्या एक पुरुष के लिए भावनात्मक और शारीरिक रूप से तनावपूर्ण हो सकती है, जिससे उसके यौन संबंध असमर्थ हो सकते हैं।

नपुंसकता (ई.डी.) के कारण कई फैक्टर्स हो सकते हैं, जैसे कि नपुंसकता का शारीरिक कारण (जैसे शरीर की किसी अंग की समस्या), मनोवैज्ञानिक कारण (जैसे तनाव, चिंता, या डिप्रेशन), यौन संबंधों में रुचि की कमी, सेक्स संबंधित संभोग समस्याएं, और अन्य बीमारियाँ (जैसे डायबिटीज, मोटापा, या दिल की बीमारियाँ)।

नपुंसकता (ई.डी. का समाधान कई तरीकों से किया जा सकता है, जैसे दवाइयों, परामर्श, चिकित्सा और प्राकृतिक उपचार। यह समस्या बेहतर चिकित्सा सेवा और अधिक संवेदनशील समझ से निपटाई जा सकती है। आपने इस समस्या का सामना कर रहे हों तो डॉक्टर से संपर्क करना अच्छा होगा, जिससे आपको सही और उचित उपचार मिल सके।

कृपया ध्यान दें कि यह सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है, आपको सही चिकित्सा परामर्श के लिए हमेशा विशेषज्ञ चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

 

नपुंसकता (ई.डी.) के प्रकार:

नपुंसकता (ई.डी.) विभिन्न प्रकार की हो सकती है। इनमें से कुछ प्रमुख प्रकार हैं:

  • ऑर्गेनिक ई.डी.: यह प्रकार शारीरिक कारणों से होता है, जैसे दिल की बीमारी, मधुमेह (डायबिटीज), अधिक मोटापा, शरीर की किसी अंग की चोट या किसी समस्या के कारण।

  • मनोवैज्ञानिक ई.डी.: इसमें मानसिक और भावनात्मक कारण होते हैं, जैसे तनाव, चिंता, डिप्रेशन, यौन संबंधों में रुचि की कमी या संभोग समस्याएं।

  • मिश्रित ई.डी.: इसमें शारीरिक और मानसिक दोनों के कारण हो सकते हैं, जैसे किसी समस्या या बीमारी के कारण जो मनोवैज्ञानिक तनाव पैदा कर सकती हैं।

 

नपुंसकता (ई.डी.) के उपाय ?

नपुंसकता (ई.डी) के कुछ आम उपाय हैं, लेकिन आपको यह सभी उपाय अपने चिकित्सक की सलाह लेने के बाद ही अपनाने चाहिए):

  • स्वस्थ आहार: स्वस्थ और बैलेंस्ड आहार लेना ई.डी. के लिए महत्वपूर्ण है। पौष्टिक भोजन, सब्जियां, फल, पूरे अनाज, और सेमी-सेमी खाद्य पदार्थ खाना उपयुक्त होता है। शराब और तंबाकू का सेवन कम करें या बिल्कुल न करें।

  • व्यायाम: योग और व्यायाम करना शरीर के लिए लाभकारी होता है, जिससे खून की संचरणा बेहतर होती है और यौन स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

  • तनाव का प्रबंधन: तनाव को संभालने के लिए मेडिटेशन, ध्यान, योगाभ्यास और नियमित विश्राम का सहायता लें।

  • डॉक्टर की सलाह: यदि ई.डी. की समस्या गंभीर है, तो डॉक्टर की सलाह लेना और उनके दिए गए उपचार का पालन करना महत्वपूर्ण है।

  • दवाइयां: कुछ मामूली या एलोपैथिक दवाइयां, होम्योपैथिक दवाइयां या आयुर्वेदिक दवाइयां भी डॉक्टर के सुझाव के अनुसार लेने से मदद मिल सकती है।

  • संवेदनशील संबंध: पार्टनर के साथ संवेदनशील संबंध बनाए रखना ई.डी. के उपचार में मदद कर सकता है। खुले मन से बातचीत करना और सहानुभूति दिखाना महत्वपूर्ण है।

 

क्या नपुंसकता (ई.डी.) इलाज योग्य है?

हां, नपुंसकता (ई.डी.) का इलाज योग्य हो सकता है। इसमें विभिन्न उपाय शामिल हो सकते हैं जैसे कि दवाइयां, परामर्श, प्राकृतिक उपचार, व्यायाम, और मनोवैज्ञानिक समस्याओं का प्रबंधन।

यहां कुछ ई.डी. के इलाज के उपाय हैं:

  • दवाइयां: ई.डी. के इलाज के लिए कुछ दवाइयां उपलब्ध हैं जो खून की संचरणा को सुधारकर यौन संबंध स्थायी बनाने में मदद कर सकती हैं। यह दवाइयां डॉक्टर के सुझाव अनुसार लेनी चाहिए।

  • वैक्यूम पंप: यह एक प्रकार का उपकरण है जो पेनिस के चारों ओर वैक्यूम बनाकर खून को खींचता है। इससे नर्म ऊतक बढ़ते हैं और स्तंभन दुर्बलता को कम किया जा सकता है।

  • योग और व्यायाम: योग और व्यायाम भी ई.डी. के इलाज में मदद कर सकते हैं। कुछ योगासन और प्राणायाम सेक्सुअल हेल्थ को सुधारने में सहायक होते हैं।

  • प्राकृतिक उपचार: कुछ आयुर्वेदिक दवाइयां और प्राकृतिक उपचार भी ई.डी. के इलाज में उपयोगी हो सकते हैं।

  • मनोवैज्ञानिक समस्याओं का प्रबंधन: ई.डी. के पीछे मानसिक समस्याएं भी हो सकती हैं। मनोवैज्ञानिक समस्याओं का समाधान करने के लिए मेडिटेशन और ध्यान भी मददगार हो सकते हैं।

 

नपुंसकता (ई.डी.) के लक्षण (संक्षेप में):

नपुंसकता (ई.डी.) के लक्षण व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं और ये आमतौर पर यौन संबंध से संबंधित होते हैं। निम्नलिखित कुछ लक्षण ई.डी. की संभावित संकेत हो सकते हैं:

  1. यौन इच्छा कम होना या अभाव होना

  2. स्तंभन में समस्या होना

  3. यौन संबंध स्थायी नहीं बन पाना

  4. स्तंभन में धीरज की कमी होना

  5. संबंध स्थायी बनाने में समस्या होना

  6. अनिच्छित वक्त या बिना समय खत्म होना

 

नपुंसकता (ई.डी.) के कारण (संक्षेप में):

नपुंसकता (ई.डी.) के कई कारण हो सकते हैं, जो व्यक्ति से व्यक्ति भिन्न हो सकते हैं। नीचे दिए गए कुछ मुख्य कारण हैं:

  • शारीरिक कारण: ई.डी. के पीछे शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं जैसे दिल की बीमारी, मधुमेह (डायबिटीज), मोटापा, उच्च रक्तचाप, प्रोस्टेट समस्याएं, हार्मोनल विकार, या शरीर की किसी अंग की समस्या।

  • मनोवैज्ञानिक कारण: मानसिक तनाव, चिंता, डिप्रेशन, यौन संबंधों में रुचि की कमी या संभोग समस्याएं ई.डी. के पीछे मानसिक कारण बन सकते हैं।

  • सेक्स संबंधित समस्याएं: संबंध स्थायी नहीं बनाने की समस्या, यौन रोग या संक्रमण, यौन उत्तेजना की कमी, या यौन संबंधों में सामर्थ्य की कमी ई.डी. के लक्षण हो सकते हैं।

  • दवाओं का प्रभाव: कुछ दवाइयां और उपचार भी ई.डी. का कारण बन सकते हैं, जैसे दिल की दवाएं, डायबिटीज की दवाएं, एंटीडिप्रेसेंट्स, या अधिक खासी दवाएं।

  • अन्य बीमारियां: कुछ बीमारियां भी ई.डी. के कारण बन सकती हैं, जैसे अधिक वसा जमाव, दर्द निवारक दवाओं का अधिक सेवन, किडनी समस्या, या धमनी में नाराजगी।

ये थे कुछ मुख्य कारण जो ई.डी. की समस्या को प्रभावित कर सकते हैं। ई.डी. के लक्षणों को उपशामक दवाइयों से निपटने के बजाय, इसके पीछे के मूल कारण का पता करना महत्वपूर्ण है ताकि सही इलाज की योजना तैयार की जा सके। कृपया ध्यान दें कि आपको विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिये। 

 

नपुंसकता (ई.डी.) के शारीरिक कारण (Physical causes of erectile dysfunction) क्या हैं ?

नपुंसकता (ई.डी.) के शारीरिक कारण (Physical causes of Erectile Dysfunction) निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • संधि विकार: यदि पेनिस की संरचना या खिचाव में किसी संबंधित संधि में असामर्थ्य होती है, तो यह ई.डी. के लक्षणों का कारण बन सकता है।

  • शरीर की किसी अंग की समस्या: दिल, किडनी, मस्तिष्क और अन्य शरीर के अंगों में किसी समस्या के कारण खून की संचरणा में असामर्थ्य हो सकता है, जिससे ई.डी. हो सकती है।

  • मधुमेह (डायबिटीज): डायबिटीज के कारण रक्त में शक्कर के स्तर में वृद्धि होती है, जो नसों को और पेनिस में खून के प्रवाह को प्रभावित कर सकती है।

  • अधिक मोटापा: बढ़ता हुआ वजन ई.डी. का एक कारण बन सकता है, क्योंकि यह खून के प्रवाह को अवरुद्ध कर सकता है।

  • उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन): उच्च रक्तचाप के कारण नसों का संकोच हो सकता है, जिससे यौन संबंधों में समस्या हो सकती है।

  • वासकुलर बीमारियां: दिल से संबंधित वासकुलर बीमारियां खून की संचरणा को प्रभावित कर सकती हैं और ई.डी. का कारण बन सकती हैं।

  • प्रोस्टेट समस्याएं: प्रोस्टेट समस्याएं यौन संबंधों में असमर्थता का कारण बन सकती हैं।

  • दवाओं का प्रभाव: कुछ दवाइयां जैसे दिल की दवाएं, डायबिटीज की दवाएं, एंटीडिप्रेसेंट्स, या अधिक खासी दवाएं भी ई.डी. का कारण बन सकती हैं।

ये कुछ मुख्य शारीरिक कारण हैं जो ई.डी. को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आपको ई.डी. के लक्षण महसूस होते हैं, तो आपको एक विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

 

नपुंसकता के मानसिक कारण (Psychological causes of erectile dysfunction) क्या हैं ?

नपुंसकता ई.डी. के मानसिक कारण (Psychological causes of Erectile Dysfunction) निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. तनाव और चिंता: ज्यादा तनाव, चिंता, और मानसिक दबाव ई.डी. के प्रमुख कारण हो सकते हैं। यदि मन शांत नहीं होता है, तो यौन उत्साह प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है जिससे स्तंभन में दिक्कतें हो सकती हैं।

  2. डिप्रेशन: डिप्रेशन भी यौन संबंधों में रुचि की कमी का कारण बन सकता है जिससे ई.डी. की समस्या हो सकती है।

  3. संबंध संबंधित समस्याएं: ई.डी. के पीछे संबंध स्थायी नहीं बनाने की समस्या, यौन रोग या संक्रमण, यौन उत्तेजना की कमी, या संबंध स्थायी बनाने में समस्या होना मानसिक कारण बन सकता है।

  4. सेक्स अपराधों का खौफ: सेक्स अपराधों का खौफ भी यौन संबंधों में खुले रहने और संतुष्टि प्राप्त करने में बाधा पैदा कर सकता है।

  5. शर्मिंदगी: कुछ लोगों को यौनता और संबंधों से जुड़ी बातों में शर्मिंदगी होती है, जिससे वे खुले रहने में संकोच करते हैं और यौन संबंधों में समस्या हो सकती है।

  6. मानसिक संतुष्टि की कमी: यदि किसी व्यक्ति को अपने संबंधों में मानसिक संतुष्टि नहीं मिलती, तो यह ई.डी. के लिए प्रमुख कारण बन सकता है।

  7. अधिक यौन संबंध: यदि व्यक्ति के अधिक यौन संबंध होते हैं, तो यह भी ई.डी. का कारण बन सकता है।

ये कुछ मानसिक कारण हैं जो ई.डी. को प्रभावित कर सकते हैं। 

 

नपुंसकता (ई.डी.) के  जोखिम कारक (Risk factors) क्या हैं ?

नपुंसकता (ई.डी.) के रिस्क फैक्टर (Risk factors of Erectile Dysfunction) निम्नलिखित हो सकते हैं:

  • बढ़ता हुआ आयु: बढ़ती आयु के साथ, पुरुषों में ई.डी. के जोखिम का स्तर बढ़ जाता है।

  • मधुमेह (डायबिटीज): डायबिटीज ई.डी. का एक प्रमुख कारण हो सकता है। उच्च रक्त शक्कर स्तर खून की संचरणा को प्रभावित करते हैं जिससे यौन संबंधों में समस्या हो सकती है।

  • धूम्रपान और शराब का सेवन: धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन ई.डी. के जोखिम को बढ़ा सकता है।

  • मोटापा: बढ़ता हुआ वजन और मोटापा भी ई.डी. के रिस्क फैक्टर होते हैं।

  • उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन): उच्च रक्तचाप भी ई.डी. का कारण बन सकता है।

  • दिल से संबंधित बीमारियां: दिल से संबंधित बीमारियां खून की संचरणा को प्रभावित कर सकती हैं जिससे यौन संबंधों में समस्या हो सकती है।

  • वासकुलर बीमारियां: दिल से संबंधित वासकुलर बीमारियां खून की संचरणा को प्रभावित कर सकती हैं और ई.डी. का कारण बन सकती हैं।

  • नेत्र रोग: कुछ नेत्र रोग भी ई.डी. के जोखिम को बढ़ा सकते हैं।

  • प्रोस्टेट समस्याएं: प्रोस्टेट समस्याएं भी ई.डी. के रिस्क फैक्टर हो सकती हैं।

  • अधिक यौन संबंध: अधिक यौन संबंध होने से भी ई.डी. का कारण बन सकता है।

ये कुछ मुख्य रिस्क फैक्टर हैं जो ई.डी. को प्रभावित कर सकते हैं। यदि आपको ई.डी. से संबंधित किसी भी समस्या का सामना है, तो आपको एक विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। 

 

नपुंसकता (ई.डी.) के संभावित परिणाम (complications) क्या हो सकते हैं ?

ई.डी. (यौन नपुंसकता) के कुछ संभावित परिणाम (complications) निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. संबंध संबंधित समस्याएं: ई.डी. के कारण यौन संबंधों में असमर्थता के कारण, व्यक्ति और उसके साथी के बीच दूरियां बढ़ सकती हैं।

  2. स्तंभन की समस्या: यदि ई.डी. का इलाज समय पर नहीं किया जाता है, तो इससे यौन संबंधों में स्तंभन की समस्याएं बढ़ सकती हैं।

  3. मानसिक तनाव: ई.डी. के कारण व्यक्ति में मानसिक तनाव का समय से नियंत्रण नहीं हो पाना।

  4. नपुंसकता से संबंधित भावनाएं: यदि ई.डी. के कारण संबंध बनाने में दिक्कतें होती हैं, तो व्यक्ति को नपुंसकता से संबंधित भावनाएं हो सकती हैं।

  5. संबंधों में तनाव: ई.डी. के कारण संबंधों में तनाव बढ़ सकता है और इससे विश्वास, संबंधों में समर्थन, और संबंधों के मामूले विषयों में भी दिक्कतें हो सकती हैं।

  6. स्वास्थ्य समस्याएं: ई.डी. के कारण व्यक्ति अपनी स्वास्थ्य समस्याओं को भी नजरअंदाज कर सकता है, जो आगे बढ़कर गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं।

  7. स्वजनों के संबंध में दिक्कतें: नपुंसकता से जुड़ी समस्याएं व्यक्ति और उसके स्वजनों के संबंधों को भी प्रभावित कर सकती हैं।

ई.डी. की इसी तरह की समस्याओं से बचने के लिए समय पर चिकित्सा परामर्श और उचित इलाज लेना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। अगर आपको ई.डी. से संबंधित किसी भी समस्या का सामना है, तो आपको एक विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करें। 

 

 
 

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