हल्दी का इस्तेमालआम तौर पर का इस्तेमाल हर मौसम में फायदेमंद है लेकिन सर्दी के मौसम में कच्ची हल्दी का उपयोग सबसे अधिक लाभदायक है और यह समय हल्दी के अमूल्य गुणों से लाभ उठाने का है क्योंकि कच्ची हल्दी में हल्दी पाउडर की तुलना में ज्यादा गुण होते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि कच्ची हल्दी के इस्तेमाल के दौरान निकलने वाला रंग हल्दी पाउडर की तुलना में काफी ज्यादा गाढ़ा और पक्का होता है।
जुकाम में फायदेमंद है हल्दी वाला दूध:
बचपन में सर्दियों में नानी-दादी घर के बच्चों को सर्दी के मौसम में रोज हल्दी वाला दूध पीने के लिए देती थी। हल्दी वाला दूध जुकाम में काफी फायदेमंद होता है। रात को सोने से पहले इसे पीने से तेजी से आराम पहुचता है.इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज सर्दी, खांसी और जुकाम के लक्षणों में आराम पहुंचाती है।
खांसी में बहुत लाभदायक हैकच्ची हल्दी:
अगर खांसी किसी भी दवा से ठीक न हो रही हो और इलाज कर कर के थक गए हो तो इसका इस्तेमाल इस प्रकार करें की एक कच्ची हल्दी को चूल्हे पर भून कर पीस लें 2 से 3 ग्राम सुबह शाम इस्तेमाल करें।
सुखी खांसी में गुनगुने दूध के साथ लें और अगर बलगम वाली खांसी है तो गुनगुने पानी के साथ। यह सर्दी ज़ुकाम और खांसी में बहुत लाभदायक है।
कच्ची हल्दी से डाइजेशन होगा बेहतर :
सर्दियों में हेवी मील आपके डाइजेस्टिव सिस्टम के लिए नुकसानदेह होता है। लेकिन कच्ची हल्दी के सेवन से आपका डाइजेस्टिव सिस्टम इम्प्रूव होता है क्योंकि कच्ची हल्दी पित्त के प्रॉडक्शन को बढ़ाती है और ये अच्छे डाइजेशन के लिए काफी जरूरी है।
जोड़ों के दर्द में फायदेमंद है कच्ची हल्दी:
कच्ची हल्दी में ऐंटी-इन्फ्लेमेट्री गुण पाया जाता है। जिससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। सर्दी के मौसम में ठंड के कारण लोगों में जॉइंट पेन की समस्या काफी कॉमन है। कच्ची हल्दी इस दर्द से छुटकारा दिलाने में करगर है। इसके अलावा भी अगर कच्ची हल्दी को अपने सूप या सब्ज़ी वग़ैरह में शामिल किया जाये तो आपको सर्दी के मौसम में रहत मिल सकती है।
मधुमेह में फायदेमंद है कच्ची हल्दी:
कच्ची हल्दी में इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने का गुण होता है। इस लिये यह मधुमेह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। इंसुलिन के अलावा कच्ची हल्दी ग्लूकोज को भी कण्ट्रोल करती है जिससे मधुमेह के दौरान दी जाने वाली उपचार का असर बढ़ जाता है। अगर आप जो दवाइयां ले रहे हैं बहुत बढ़े हुए स्तर (हाई डोज) की हैं तो हल्दी के उपयोग से पहले चिकित्सकीय सलाह अत्यंत आवश्यक है।
इम्युनिटी बूस्ट करती है कच्ची हल्दी :
शोध से साबित हो चका है कि हल्दी में लिपोपॉली सेच्चाराइड नाम का तत्व होता है इससे शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। हल्दी शरीर में मौजूद बैक्टेरिया की समस्या से बचाती है। यह बुखार होने से रोकती है। और इसमें शरीर को फंगल इंफेक्शन से बचाने के गुण भी पाये जाते है। कच्ची हल्दी से बनी चाय अत्यधिक लाभकारी पेय है। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
त्वचा को चमकदार और स्वस्थ रखती है कच्ची हल्दी:
कच्ची हल्दी में एंटीबैक्टीरियल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं। इसमें इंफेक्शन से बचाव में लाभदायक है। कच्ची हल्दी की चाय भी बहुत फायदेमंद है। यह प्रतिरोधक छमता बढाती है। कच्ची हल्दी में एंटी सेप्टिक और एंटी बैक्टीरियल की खासियत भी मौजूद है। इसी कारण इन्फेक्शन से लड़ने की खासियत मौजूद है। यह सोराइसिस जैसे जिल्द के रोग से बचाव की खसिया रखती है। कच्ची हल्दी जिल्द को स्वस्थ और चमकदार बनाये रखने की खासियत बह रखती है। इसी खासियत की वजह से बहुत सी दवा कम्पनी फेस क्रीम के अज्ज़ा में हल्दी को मह्त्वपूर्ण थान देती हैं।
हिर्दय रोग में फायदेमंद है हल्दी:
हल्दी के लगातार इस्तेमाल से कोलेस्ट्रोल सेरम का स्तर शरीर में कम बना रहता है। कोलेस्ट्रोल सेरम को नियंत्रित रखकर हल्दी शरीर को ह्रदय रोगों से सुरक्षित रखती है।
लीवर हेल्थ के लिये फायदेमंद है कच्ची हल्दी:
लीवर के लिए फायदेमंद है कच्ची हल्दी : तहक़ीक़ से पता चलता है की लीवर को स्वस्थ रखने के लिए बहुत फायदेमंद है कच्ची हल्दी। हल्दी के इस्तेमा से लीवर बेहतर तरीके से काम करता है।
वज़न कम करती है कच्ची हल्दी :
हल्दी में वजन कम करने का गुण पाया जाता है। इसका मुस्तक़िल इस्तेमाल करने से वज़न तेज़ी से का हो सकता है।
कैंसर से बचती है कच्ची हल्दी:
कच्ची हल्दी में कैंसर जैसे मुहलक मर्ज़ से लड़ने की खासियत भी मौजूद है। आम तौर पर पुरुषो में पाए जाने वाले प्रोस्टेट कैंसर को बढ़ने से रोकती है। रेडिएशन की वजह से होने वाले ट्यूमर से बी बचती है।
साइडइफेक्ट्स:
हल्दी में यूँ तो लातादाद खासियतों से भरपूर है, लेकिन फिर भी कुछ लोग हल्दी से एलर्जिक हो सकते हैं। और उन पर इसके विपरीत असर पड़ सकता है, और उन्हें पेट दर्द या डायरिया जैसी परेशानी का सामना करा पड़ सकता है। प्रेगनेंट महिलाओ को कच्ची हल्दी के उपयोग से पहले चिकित्सकीय सलाह ले लेनी चाहिए। इससे खून का थक्का जमना भी प्रभावित हो सकता है जिससे रक्त का बहाव बढ़ जाता है अत: अगर किसी की सर्जरी होने वाली हो तो उनके लिए कच्ची हल्दी का इस्तेमाल एक बेहतर नहीं है।