आज के इस दौर में हर इंसान को अपना इम्युनिटी सिस्टम मज़बूत करना बेहद ज़रूरी है। जिसका इम्युनिटी सिस्टम जितना मज़बूत होगा उसको उतना ही कम ख़तरा होगा। यही कारण है लोग अपनी इम्युनिटी बढ़ाने के तरह-तरह के उपाय तलाश रहे हैं। इस पोस्ट में आप जानेंगे about the Herbs to Boost Immune System in Hindi
जो सेहत के लिए अच्छा भी है लेकिन नैचुरल तरीक़ों को अपनाना आपके लिए अधिक लाभदायक होगा। तो आइ-ये देखते हैं कि इम्युनिटी बढ़ने के नेचुरल उपाय क्या – क्या हैं। कुछ जड़ी बूटियाँ आपके इम्यून सिस्टम को तो मज़बूत करती ही हैं, इसके साथ-साथ यह और भी बहुत से स्वास्थ्य लाभ के लिए मशहूर हैं। इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिये रामबाण जड़ी बूटियां Herbs to Boost Immune System in Hindi यह जड़ी बूटियाँ आपके इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने के साथ – साथ आपको मानसिक तनाव से बचाती हैं, सर्दी , ज़ुकाम, नज़ला, खाँसी, बुख़ार, और क़ब्ज़ जैसी अनेक समस्याओं से भी बचाती हैं तो फिर इंतज़ार किस बात का है आइए जानते है इम्यून सिस्टम को मज़बूत करने वाली जड़ी बूटियों के बारे में जो इस प्रकार हैं।
लौंग Clove in Hindi
लौंग एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल हर्ब है जो इम्युनिटी को बढ़ाता है। लौंग कई स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने में भी सहायक हो सकता है। मुंह के छालों से राहत पाने के लिए भी लौंग का इस्तेमाल किया जा सकता है। दांत दर्द, सांसों की बदबू, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश की स्थिति में लौंग बहुत उपयोगी हो सकती है। लौंग खाने से हमें विटामिन-बी के साथ-साथ कई प्रकार और पोषण मिल सकते हैं।
अदरक:
अदरक में कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कई संक्रामक रोगों को दूर करने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम करते हैं। अदरक को सर्दी और खांसी से राहत के लिए लिया जा सकता है। अदरक को शरीर में सूजन से लड़ने के लिए भी जाना जाता है। अदरक के सेवन के कई तरीके हैं, जैसे अदरक का काढ़ा बना कर इस्तेमाल किया जा सकता है, या चाय में डाल कर भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
दालचीनी
दालचीनी के सेवन से कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर किया जा सकता है। दालचीनी का उपयोग प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी किया जा सकता है। दालचीनी में कई एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो कई स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में मदद कर सकते हैं। दालचीनी का उपयोग काढ़ा, चाय या बनाने में किया जा सकता है।
आंवला:
तुलसी:
तुलसी के लाभ केवल नज़ला-जुकाम तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इस औषधीय पौधे के कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं। सुबह खाली पेट तुलसी का पानी पीने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। तुलसी रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकती है। सर्दी, बुखार, सूखा, निमोनिया, कब्ज जैसी समस्याओं के लिए भी तुलसी फ़ायदेमंद हो सकती है।
एलोवेरा:
औषधीय गुणों से भरपूर, एलोवेरा कई बीमारियों से लड़ने और हमारे स्वास्थ्य को अद्भुत लाभ देने वाला है। डायबिटीज़ के लिए त्वचा, पाचन, ब्लड शुगर, के लिए एलोवेरा से बढ़िया क्या हो सकता है। एलोवेरा को मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है। अगर आप एलोवेरा जूस रोज़ाना पियें तो बहुत अच्छा है अन्यथा हफ्ते में एक बार एलोवेरा जूस पी ही सकते हैं।
गिलोय:
गिलोय इस समय सबसे अधिक चर्चा में है। गिलोय के सेवन से इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाया जा सकता है। गिलोय के सेवन के कई तरीके हैं। गिलोय कई स्वास्थ्य लाभ दे सकता है। गिलोय को मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए भी जाना जाता है। गिलोय में एंटी-बायोटिक प्रॉपर्टी भी पाई जाती है, यही कारण है की इसके इस्तेमाल से बुख़ार भी रफु चक्कर हो जाता है। गिलोय का सेवन पानी में उबाल कर किया जा सकता है।
लहसुन:
लहसुन में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। सुबह खाली पेट लहसुन की एक कली का सेवन करने से कई फायदे हो सकते हैं। लहसुन में आयोडीन, आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों के साथ विटामिन ए, बी, सी होते हैं। लहसुन को बालों और त्वचा के लिए भी बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है।
ग्रीन टी:
इम्यूनिटी बढ़ाने में ग्रीन टी को बहुत फ़ायदेमंद माना जाता है। ग्रीन टी मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा दे सकती है। यह एंटीऑक्सिडेंट में समृद्ध है। ग्रीन टी कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करके दिल के दौरे और स्ट्रोक को रोकने में मदद कर सकती है। ग्रीन टी के सेवन से स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है।
अश्वगंधा:
यह आयुर्वेदिक दवा कई बीमारियों से लड़ने के लिए जानी जाती है। प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए भी यह दवा ली जा सकती है। अश्वगंधा में मौजूद यौगिक मन को सक्रिय करते हैं। इसलिए अगर आपको नींद आने में परेशानी होती है या आप अनिद्रा से पीड़ित हैं, तो रात को अश्वगंधा खाने से बचें क्योंकि यह नींद या अनिद्रा में बेचैनी का कारण बन सकती है।